झालावाड़ से थर्मल यूनिट को छत्तीसगढ़ ले जाने पर विरोध जारी

झालावाड़ में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रघुराज सिंह हाड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजन कर आरोप लगाया कि भाजपा की किसान विरोधी सरकार बताया साथ ही बीजेपी पर हमला बोला
राजस्थान के ऊर्जा मंत्री ने नए संयंत्र लगाने के स्थान पर सीधे बिजली खरीदने की दलील केन्द्र के इशारे पर एक उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के लिए की गई घोषणा मात्र है। राजे ने भी मार्च 2018 में एक पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी यह जांचने के लिए बनाई थी कि क्या राजस्थान के विद्युत संयंत्र छत्तीसगढ़ में लगाए जाए। उस समय मैंने प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर इस योजना का विरोध किया, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार नहीं रहने से योजना ठप्प हो गई। कालीसिन्ध थर्मल में सस्ते दामों पर इतनी भूमि अवाप्त है कि वहां 6 यूनिट स्थापित की जा सकती है जो आधारभूत सुविधाएं 15 वर्ष पूर्व बनी है, उन्हें आज बनाने में हजारों करोड़ खर्च होगें। यहां कालीसिन्ध बांध है, तीन विशाल तालाब है, रेल्वे लाईन व कोयला यार्ड है, प्रशासनिक भवन, गेस्ट हाउस, आवासीय कॉलोनी, हायर सैकण्डरी स्कूल व 4 लेन सड़के हैं

2018 में दर्शाया 514 करोड़ का घाटा
राजे सरकार ने फरवरी 2018 तक संयंत्र में 514 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया जिसका मूल कारण चीनी तकनीक से आयातित संयंत्रों का निर्माण है, बार-बार घटिया संयंत्र बन्द होते है तो चीन से इंजीनियर आते है। जबकि भोपाल से 4 घंटे में भेल के इंजीनियर आ सकते थे। पहली दो इकाईयों के लिए गहलोत सरकार ने 1846 करोड़ रुपए राज्य का अंशदान दिया जबकि 4714 करोड़ का ऋण लिया, छत्तीसगढ़ में भी संयंत्र लगाने के लिए राज्य को 2000 करोड़ न्यूनतम अंशदान देना होगा। तथा वहां किस भाव में भूमि अवाप्त होगी और आधारभूत सेवाएं विकसित होगी इसका कोई अंदाजा नहीं है। एक संयंत्र बनाने में पांच वर्ष लगते है, समय नष्ट हो रहा है।पहले कार्यकाल में राजे ने एक कालरिज कम्पनी बनवाकर राजस्थान को मनमोहन सरकार से निःशुल्क आवंटित पारसा ईस्ट व कांटे की खाने कोयला निकालने के लिए अडानी को सौंप दी थी। इस कम्पनी में 70 प्रतिशत शेयर अडानी का था। कैंग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इससे राज्य को 4445 करोड़ रुपयों की हानि हुई।
कोविड़ काल में जब देश के अधिकांश कल कारखाने बन्द थे, थर्मल के श्रमिकों ने जान पर खेलकर संयंत्र को चालू रखा, आज यह सरकार निजी हाथो को बिजली उत्पादन सौंपने का षड्यंत्र कर रही है।