विदिशा में किशोर न्याय अधिनियम, POCSO एक्ट एवं फॉरेंसिक विषयों पर एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित महिला एवं बाल विकास एवं पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हुआ सफल आयोजन पुलिस अधिकारियों, विशेष किशोर पुलिस इकाई व मेडिकल अधिकारी को मिला व्यावहारिक मार्गदर्शन विदिशा से हरिओम पाल की रिपोर्ट

विदिशा में किशोर न्याय अधिनियम, POCSO एक्ट एवं फॉरेंसिक विषयों पर एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित
महिला एवं बाल विकास एवं पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हुआ सफल आयोजन
पुलिस अधिकारियों, विशेष किशोर पुलिस इकाई व मेडिकल अधिकारी को मिला व्यावहारिक मार्गदर्शन

विदिशा से हरिओम पाल की रिपोर्ट

दिनांक 02 अगस्त 2025 को पुलिस कंट्रोल रूम, विदिशा में “किशोर न्याय अधिनियम 2015, POCSO एक्ट एवं फॉरेंसिक मुद्दों पर आधारित समस्या एवं समाधान विषयक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा माननीय प्रधान मजिस्ट्रेट, किशोर न्याय बोर्ड एवं पुलिस अधीक्षक, विदिशा के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का उद्देश्य किशोरों से संबंधित अपराधों की विवेचना में पुलिस अधिकारियों, विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, वन स्टॉप सेंटर कर्मी एवं न्यायिक क्षेत्र से जुड़े अन्य अधिकारियों को विधिक व व्यवहारिक जानकारी देना रहा।

कार्यक्रम के दौरान माननीय प्रधान मजिस्ट्रेट श्रीमती शिवांगी श्रीवास्तव द्वारा किशोर न्याय की संवेदनशील प्रक्रिया पर विशेष प्रकाश डाला गया।

*पुलिस अधीक्षक श्री रोहित काशवानी ने प्रशिक्षण सत्र के दौरान बताया* कि POCSO एवं किशोर न्याय अधिनियम से जुड़े मामलों में विवेचक “चैन ऑफ कस्टडी” का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि यदि साक्ष्य की शुद्धता में त्रुटि हुई तो पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों एवं POCSO मामलों में चालान समय-सीमा में प्रस्तुत करें तथा पीड़ित की आयु के निर्धारण हेतु स्कूल रजिस्टर, जन्म प्रमाण पत्र या अन्य वैध दस्तावेजों की सावधानीपूर्वक जाँच करें। बाल अपचारी से जुड़े मामलों में भी चालान समय पर प्रस्तुत करें एवं उन्हें न्यायालय में पेश करते समय वर्दी में न जाएं। सभी अधिकारियों को कानूनों का पालन करते हुए संवेदनशीलता व तत्परता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

इसके साथ ही डॉ. अनिल कुमार सिंह, DNA लैब इंचार्ज, FSL क्षेत्रीय न्यायालिक विज्ञान प्रयोगशाला, भोपाल द्वारा रेप-मर्डर मामलों में फॉरेंसिक साक्ष्य संकलन में सावधानियों पर चर्चा की गई।

जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती विनीता लोढ़ा द्वारा विभागीय समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

प्रशिक्षण सत्र के दौरान पुलिस विभाग से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रशांत चौबे एवं एसडीओपी कुरवाई सुश्री रोशनी सिंह भी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में प्रश्न-उत्तर सत्र, केस स्टडी एवं समूह गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। यह प्रशिक्षण सत्र विभिन्न विभागों के समन्वय से, किशोर न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास रहा।