एक तरफ विकसित भारत संकल्प का वादा तो वहीं दूसरी ओर छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़
सरकारी स्कूलों में नहीं हैं सफाई करम चारियो की व्यवस्था
संवाद दाता दिनेश सोलंकी
आष्टा जहा भारत सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने को थकती नहीं वहीं दूसरी ओर स्कूल के छात्र छात्राओं के भविष्य को नजर अंदाज करती हुई नजर आ रही है। सरकारी स्कूलों में देखा जाय तो माध्यमिक विद्यालयों में कहीं पर शिक्षक तो कहीं पर छात्र छात्राएं स्कूल में झाड़ू लगाते हुए नजर आ रहे हैं जिस पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है हर शासकीय माध्यमिक विद्यालयों में एक सफाई कर्मचारी की आवश्यकता है परंतु सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे पा रही है जिसके चलते शिक्षक शिक्षिकाएं छात्र-छात्राएं स्कूल की साफ सफाई करते हुए नजर आ रहे हैं जिसके चलते हुए छात्र-छात्राओं की पढ़ाई डिस्टर्ब होती है सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने से बाज नहीं आ रही है परंतु सरकार को छात्र-छात्राओं के भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए एक तो शासकीय स्कूलों में गरीब मजदूर किसानों के बच्चे पढ़ने जाते हैं वही पर उनके ऊपर साला परिसर की साफ सफाई का बोझ होता है तो पूरी तरह से देखा जाए तो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है