पत्रकार भवन के लिए हरसंभव सहयोग आवश्यक: सहयोगी श्री राय
*स्व. अंबादत्त भारतीय स्मृति पत्रकार सम्मान से सम्मानित पत्रकार*
ग्राम खोंगरा से हरिओम पाल की खबर
*सीहोर।* प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार स्व. अम्बादत भारतीय सीहोर जिले की नैतिकता की शान थे। पूरे जिले और प्रदेश में उन्हें मदरसा की मोबाइल फिराती स्कूल की मुद्रा प्रदान की जाती है। यह बात नगर के क्रिसेंट रिसॉर्ट के ऑडिटोरियम में क्षेत्रीय विधायक श्री सुदेश राय ने कही। वह स्व. अंबादत्त भारतीय स्मृति मठ सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज को दिशा देने का काम करते हैं। उनके संवादों से हमें सीखने को मिलता है और वे हम निर्णय का मार्ग प्रशस्त करते हैं। अनुयायी श्री राय ने कहा कि मेरी इच्छा है कि जिलों के पत्रकारों के भवन की मांग शीघ्र पूरी हो जिसके लिए हर संभव सहयोग मिले। लेकिन संस्थान को भी इस कार्य के लिए संगठन से ऊपर उपभोक्ता एकजुट होना है। मैं चाहता हूं कि जिले में एक ऐसा पत्रकार भवन बने जिसमें समाचार संप्रेषण से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। अनुयायी श्री राय ने दिवंगत अंबादत्त भारतीय स्मृति मठ अनुसंधान संस्थान एवं जिला प्रेस क्लब को धन्यवाद देते हुए कहा कि मूर्ति के सम्मान के लिए मूर्धन्य पत्रकार बाबा भारतीय की यादों को लंबे समय से ताजा बनाए रखना प्रशंसनीय कार्य है जो प्रदेश में एक पत्रिका है।
समारोह की समीक्षा कर रहे सेवानिवृत्त ज्योतिषी आनंद कुमार शर्मा ने अपनी प्रभावशाली पुस्तकों में नैतिकता का बहुत साफगोई से विश्लेषण किया। उन्होंने कहा कि जब वे सीहोर में थे तब उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय श्री अंबा दत्त भारतीय को बहुत करीब से देखा था। फक्क प्रकृति के बाबा नैतिकता के लिए हमेशा सजग रहते हैं। उस दौर में बाबा भारतीय ने मंदिर दर्शन में जो कार्य किया वह अविस्मरणीय है। ऐसे में उन्हें म्यूजिक दूत की डिग्री प्रदान की गई। श्री शर्मा ने कहा कि बाबा भारतीय को इतने लंबे समय तक अक्षुण्ण बनाए रखने वाले शहर को मैं नमन करता हूं और विशेष रूप से बाबा के शिष्य शिष्य और वरिष्ठ वरिष्ठ पत्रकार श्री रघुवर मल्लाह गोहिया को धन्यवाद देता हूं। इस गरिमापूर्ण समारोह में मुझे आमंत्रित किया गया। इस मस्जिद पर उन्होंने अपनी धर्मशाला सेवा के दौरान मठ से प्राप्त दस्तावेजों का ज़िक्र करते हुए कई रोचक किस्से भी सुने।
प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. अलैहिस्सलाम कुमार सक्सेना ने स्वयं को राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि नैतिकता के सिद्धांत ऋषि नारद मुनि ने नहीं बल्कि ऋषि वाल्मिकी ने शुरुआत की है। उन्होंने बाल्मीकि रामायण के पहले संस्कृत श्लोक की विस्तृत झलकियां स्पष्ट कीं। श्री सक्सेना ने कहा कि पत्रकार को हमेशा अपने दायित्वों का बोध होना चाहिए और समाचार दोष समय को सभी तरह के सिद्धांतों से दूर रखना चाहिए। उन्होंने भारतीय संस्कृति की सामाजिक समरसता पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि सर्वधर्म संस्कृति का स्वरूप ही भारतीय संस्कृति है। जब-जब भी इसे तोड़ने का प्रयास किया जाएगा तब तब भारतीय समाज का पतन होगा। उन्होंने कई प्राचीन तत्वों का उदाहरण दिया और प्रभावशाली तरीकों से अपनी बात रखी कि रामायण सीरियल के निर्माता रामानंद सागर ने रामायण के लिए राक्षसों को चुना और उनकी जुगलबंदियों में यह सीरियल कालजयी बन गया। उन्होंने स्व. अंबादत ने भारतीय स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि सत्ता के दशक में मैंने उन्हें भोपाल में पत्रकारिता से जुड़ा देखा था। वे निर्भीक, निडर और ईमानदार पत्रकार थे, उन्होंने कभी भी इस पर सहमति नहीं जताई। उन्होंने कहा कि मैं सीहोर की पवित्र धरती को प्रणाम करता हूं जहां गुरु शिष्य की इतनी सुंदर परंपरा आज भी स्थापित है। श्री सक्सेना ने इवेंट के संयोजक रघुवर गोपाल गोहिया को इतने अच्छे इवेंट पर बधाई दी।
समारोह को संबोधित करते हुए राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार आईएनडी 24 के प्रबंध निदेशक राघवेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं वरिष्ठ पत्रकार स्व. अंबादत्त भारतीय शिष्य हूं और उनके सानिध्य में अपने घर गांव डोबी से मैंने ग्रामीण मठ की शुरुआत की। फिर भोपाल में दैनिक जागरण और भास्कर में लंबे समय तक काम करने का मौका मिला। बाबा को मैंने बहुत करीब से देखा। उनके जैसे स्मारक स्मारकों में दुर्लभ हैं उनकी जान की विशेषता वाले स्मारकों को जीवित रखने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह वैज्ञानिक सिद्धांत है कि आज पत्रकारिता के सिद्धांतों में विश्वास का संकट है, भीड़ बढ़ती है लेकिन नैतिकता का दृष्टिकोण बहुत बदल गया है।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में राजधानी भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार योगीराज योगी ने बाबा अंबादत भारतीय स्मृति में आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मान समारोह में एक सच्ची श्रद्धा निरूपित करते हुए कहा कि आज जब लोगों ने गणतंत्र को याद नहीं किया है तो एक पत्रकार का निधन हो गया है, लंबे समय से याद रखा जा रहा है, प्रशंसनीय और कृतज्ञता पहले है। इसके लिए उन्होंने रघुवर फेलो गोहिया के कार्य और अध्येताओं की खोज करते हुए उन्हें साधुवाद दिया।
सम्मान समारोह की शुरुआत में वरिष्ठ पत्रकार रघुवर फ़्लोरिडा गोहिया ने स्वागत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ पत्रकार डॉ. प्रदीप एस चौहान ने और अंत में पत्रकार संतोष सिंह ने सभी की सहभागिता निभाई।
*तीन श्रेणियाँ में दिए गए पुरस्कार*
स्व. अम्बादत भारतीय स्मृति मठ सम्मान वर्ष इस तीन स्थानों में प्रदान किया गया। राष्ट्रीय सम्मान भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार डॉ. लोहिया कुमार सक्सेना को प्रदान किया गया। जबकि प्रदेश राष्ट्रपति पुरस्कार इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार कैलाश गौड़ और जिला राष्ट्रपति सम्मान जिले के भेरूंदा निवासी डॉ. पुष्पा शर्मा द्वारा प्रदान किया गया। पुरस्कार के अंतर्गत शुद्धता पत्र एवं शाल एवं श्रीफल निर्धारित किया गया है। जिले के वयोवृद्ध साकेत धर्मराज देशराज ने अपने द्वारा प्रकाशित गजल एवं कविता संग्रह की पुस्तक नामांकित पत्रकारिता एवं साहित्य को भेट की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार केके सक्सेस, वरिष्ठ समाजसेवी ओम दीपक, सिटीजन बैंक के पूर्व महासचिव विश्वनाथ शर्मा, वयोवृद्ध कृषी गर्ग मधुसूदनगढ़, तीक्ष्ण शेख विक्की, आशीष गुप्ता, केजी बैरागी, बब्लू भाई कालीपाल, द. चावड़ा, संतोष सिंह, हिमालय गोहिया, विमल जैन, सक्षम पालीवाल, वृंदा बिल्डर, डॉ. बज्रेश संगीतकार, हरीश आर्य, सुरेश सोनी, सरल चौहान, चंद्र बागवान, चंद्र मे आदि सहित जिलों में बड़ी संख्या में पत्रकारगण, नागरिक और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार डॉ. प्रदीप चौहान और सभी उपस्थितजनों का सहयोग संतोष सिंह ने माना। अंत में स्नेह भोज के साथ सभी को विदा किया गया।