कलेक्टर द्वारा आदेश जारी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फ़्लोरिडा पोस्ट, लाइक, कमेंट और फॉरवर्ड करने पर प्रतिबंध
ग्राम खोंगरा से हरिओम पाल की खबर
विदिशा, दिनांक 11 सितंबर 2024
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री कमाल कुमार सिंह ने विदिशा जिले में लोक प्रशांति बनाए रखा, मानव जीवन और वस्तुओं के जन माल की सुरक्षा के लिए आदेश जारी किया, विदिशा जिले के संपूर्ण राजस्व सीमा में फेसबुक कमेंट, फोटो मीडिया, एक्सेल एक्स आदि सोशल मंच पर जाति, समुदाय और धर्म पर विज्ञापन, चित्र, मेडिकल, सोशल मीडिया आदि को पोस्ट करना, उनकी फॉरवर्डिंग करना, उन पर टिप्पणी करना या फिर वेबसाइट पर पोस्ट करना। से प्रतिबंधित किया गया है।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री खालिद कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि सोशल मीडिया पर फ़्लोरिडा पोस्ट और लाइक, कमेंट शेयर आदि को लेकर विभिन्न वर्ग आदि के मध्य विद्वेश और तनाव की दुर्लभ दुकानें हैं। इस प्रकार की घटनाएँ विभिन्न क्षेत्रों से प्रकाश में आई हैं, जबकि इस प्रकार की सोशल मीडिया से गंभीर कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई है। आने वाले समय में मनाये जाने वाले विभिन्न त्योहारों को देखते हुए ऐसी फोटो, पोस्ट व वीडियो प्रसारित करने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है। उक्त स्थिति के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक श्री रोहित काशवानी द्वारा कानून व्यवस्था बनाए रखने और लोगों की जान-माल की सुरक्षा और जांच में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता -2023 की धारा 163 के तहत जिला विदिशा में सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से किसी भी जाति, समुदाय, या धर्म के अनुमोदन के लिए टिप्पणी करना, ऐसे किसी भी कंटेट पर लाइक, टिप्पणी या साझा करना प्रस्तावित है।
पुलिस अधीक्षक, विदिशा के प्रस्तावित पत्र से स्पष्ट हो रहा है, कि सोशल मीडिया पर वैमनस्यता की स्थिति बनाने के उद्देश्य से वैमनस्यता की स्थिति का समाधान किया जा सकता है।
उक्त स्थिति में स्पष्ट है, कि फेसबुक पोस्ट एवं उस पर टिप्पणी, लाइक, साम्प्रदायिक सेवा आदि से लोकशांति भंग करने में शॉप्रॉक्सिमेट एवं डायरेक्ट नेक्सस रखे गए हैं। यह व्यवहारिक वर्तमान परिवेश में लोक व्यवस्था को भंग कर सकता है। इस आचरण से उपजी प्रतिक्रिया किसी भी व्यक्ति विशेष को अपराध कारित करने के लिए उडिप्ट कर सकती है। इस प्रकार के आचरण और व्यक्तिगत संबंधों में निकटस्थ प्रत्यक्ष और संबंध विहित इसका उपयोग अतिवादी छात्रों द्वारा विच्छिन्निय संकट के लिए किया जा सकता है। इन समग्र पहलुओं में मानव जीवन और लोक विनाश की विनाशलीला है।
इस तरह की क्रियाएं जन-सामान्य के स्वास्थ्य व जनमल को खतरनाक, उत्पन्न होने वाले भविष्य में होती हैं, इन कारणों से लोकशांति भंग होने की प्रबल संभावना है। विषम परिस्थितियों को देखते हुए असामाजिक गतिविधियों पर अत्याधिक संकट की स्थिति उत्पन्न होना आवश्यक है। यह आदेश आज आगामी दो माह की अवधि के लिए प्रभावकारी रहेगा।
आदेश के उल्लंघन की स्थिति में संबंधित भारतीय न्याय संहिता -2023 की धारा 223 और साइबर विधि एवं अन्य युक्ति अधिनियम के अंतर्गत दण्डात्मक धारा 2023 शामिल है।