मंदिरों के वाद्य यंत्र केवल रस्में नहीं, बल्कि ऊर्जा का स्रोत हैं वरिष्ठ पत्रकार श्री कुमरावत का प्रेरक उद्बोधन

सोयतकलां- (अनिल बैरागी)
नगर की प्रतिष्ठित संस्था कालिदास हायर हायर स्कूल में एक प्रतिभा खोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने अपनी कला, संगीत और ज्ञान की अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस पेज पर विद्यालय के बच्चों ने शानदार प्रस्तुतियाँ निकालीं, जिनमें प्रथम स्थान पर जोसेफ पत, द्वितीय स्थान पर सोसाइटी भावसार, एवं तृतीय स्थान पर अंकित दांगी ने प्राप्त किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में सामान्य ज्ञान प्रश्न मंच प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कनक गुप्ता एवं द्वितीय स्थान कृष्णा बिल्डर ने प्राप्त किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डाॅ. रिषभ पाटीदार, विशेष अतिथि वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमारावत, बालचंद बैरागी, मनीष जैन, सामाजिक कार्यकर्ता संतोष भावसार, समिति सदस्य सीताराम मंडल सहित नगर के अनेक मान्य नागरिक उपस्थित रहे। स्कूल के रटा लीडर श्री चिंतामैन बिल्डर और वर्कशॉप ने श्रीमती निलांजना टेलर को सभी विद्यार्थियों का सामूहिक काम सौंपा।

उद्बोधन कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि एवं वयोवृद्ध पत्रकार श्री राजेश कुमारावत ने अपने प्रभावशाली संगीत उद्बोधन में कहा कि केवल एक कला नहीं, बल्कि आत्मा की झलक और भावना की अभिव्यक्ति है। यह हमारी संवेदनाओं को है और आत्मा से सीधा सुरों में ढाल देता है। संवाद करता है. उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि बच्चों के सपनों को उड़ान देना एक उत्सव है। वे संगीत के वैज्ञानिक

और आध्यात्मिक शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि मंदिरों में बजने वाले घंटे, घड़ियाल, नाद, झांझ और मंजीरे केवल धार्मिक समारोहों का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि इनके पीछे गहरे वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण हैं। ये ध्वनियां हमारे शरीर की ऊर्जा तरंगों को लॉन्च करती हैं और कई प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक उपकरणों से मुक्ति में सहायक होती हैं। उन्होंने बताया कि घंटे और घड़ियाल के मधुर वातावरण को

शुद्ध करने के साथ-साथ मानसिक और तनावग्रस्त अवसाद को कम करता है। शंख नाद की क्षमता कर संसार एसोसिएटेड में होता है और सिक्के को प्राप्त करता है। झांझ और मंजीरे की टेंकर दिमाग को शांत करती है, अवसाद दूर करती है और इंसांरा से राहत दिलाती है। बच्चों की प्रतिभा का मूल्यांकन किया गया-कार्यक्रम के नेतृत्व में कर रहे हैं कार्यशाला डॉ. महेश बंसिया ने कहा कि स्कूल के बच्चों ने एक से बढ़कर एक अद्भुत प्रस्तुतियां निकालीं, जो भविष्य में उनकी प्रतिभाओं का मार्ग प्रशस्त करती हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की सफलता के पीछे इंजीनियर की भी मेहनत है, जिसका यह परिणाम है। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक अर्जुन एवं शर्मा विशाल चंदेल द्वारा किया गया। अंत में विद्यालय परिवार को इस सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए श्री

कुमारवत ने कहा कि ये सुरों की यात्रा यहीं से हो रही है