*मत्स्य संपूर्ति योजना ने भंडारी लाल की समृद्धि के द्वार*
*बनवारी लाल कमा रहे हैं 04 से 05 लाख का शुद्ध लाभ*।
सीहोर सरकार द्वारा कृषि के साथ-साथ मत्स्य एवं पालन सहित विभिन्न क्षेत्रों में किसानों की निरंतर प्रगति के लिए कई प्रयास जारी हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी ऑनलाइन नामांकन में से एक है। इस योजना का उद्देश्य मछली पालन क्षेत्र के समग्र विकास के लिए आर्थिक सहायता और डेयरी को मजबूत करना है। यह योजना मत्स्य पालन क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना और ब्लू इकोनोमी को बढ़ावा देना एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल मत्स्य पालकों का उत्पादन और उत्पाद बढ़ रहा है, बल्कि रोज़गार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
सीहोर जिले के ग्राम कामपुर निवासी बाउंरीलाल भी नए हितग्राहियों में से एक हैं, जिनमें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ मिला है। मत्स्य पालन बिल्डरलाल ने बताया कि वह अपनी 4 एकड़ कृषि योग्य भूमि में कृषि कार्य करते थे। उस वर्ष भर में लगभग एक से दो लाख चने की आय प्राप्त हुई थी। उन्होंने बताया कि एक दिन के मत्स्य विभाग में मत्स्य पर्यवेक्षकों से उन्हें इस योजना के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने अपनी 0.500 हेक्टेयर भूमि में तालाब निर्माण कर मत्स्य पालन का कार्य प्रारंभ किया और इस योजना के तहत मत्स्य विभाग द्वारा उन्हें 02.20 लाख हेक्टेयर का अनुदान प्रदान किया गया। फंडरीलाल ने बताया कि वे मत्स्य पालन के इस व्यवसाय से अभी तक लगभग 04 से 05 लाख की शुद्ध आय प्राप्त कर चुके हैं।
बोनेरी लाल ने बताया कि मत्स्य पालन के साथ-साथ वह मत्स्य बीज, मत्स्य आहार एवं मत्स्य पालन में लीज वाली स्कीमें कर अतिरिक्त आय भी खरीद रहे हैं। इसके साथ ही अन्य किसान भी मत्स्यपालन के लिए आवेदन कर रहे हैं।